भोपाल गैस पीड़ितों को मुआवजा देने से केंद्र को नहीं रोका : दिल्ली भोपाल गैस त्रासदी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकारते हुए कहा कि उसने 1984 के गैस लीक मामले के पीड़ितों को राहत देने से रोका नहीं है । कोर्ट ने कहा कि सरकार जनकल्याण के ऐसे सिद्धांत का पालन नहीं कर सकती कि वह मुआवजा राशि ( यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन ) फर्म से लेकर ही पीड़ितों को दे ।
कोर्ट ने कहा कि सरकार की क्यूरेटिव याचिका के आधार पर यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन ( यूसीसी ) से 7,844 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मुआवजा राशि लेकर भोपाल गैस पीड़ितों को नहीं दिया जा सकता है ।
संविधान पीठ ने सरकार से कहा कि किसी और की जेब में हाथ डालकर पैसे निकाल लेना बहुत आसान है । पहले अपनी जेब में हाथ डालकर रकम निकालिए और पीडितों को दीजिए और फिर देखिए कि आप यूसीसी की जेब से पैसे निकाल पाते हैं या नहीं ।
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल जस्टिस संजीव खन्ना अभय एस . ओका , विक्रम नाथ और जेके सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी मामले में सरकार को जमकर फटकारा केंद्र ने क्यूरेटिव याचिका परयूसीसी से 7,844 करोड़ की मुआवजा राशि मांगी महेश्वरी ने बुधवार को केंद्र की और से पेश अटर्नी जनरल आर . वेंकटरमानी को फटकारते हुए कहा कि समीक्षा याचिका दायर किए बगैर वह क्यूरेटिव याचिका कैसे दायर कर सकते हैं ।
खंडपीठ ने कहा कि सरकार को पीड़ितों की आर्थिक सहायता करने से नहीं रोका जा रहा है । उनका कहना है बस इतना है कि अगर सरकार को लगता है कि पीड़ितों को और पैसा दिया जाना चाहिए तो कृपया करके उन्हें भुगतान कीजिए लेकिन यूनियन कार्बाइड की उत्तराधिकारी कंपनियों से वसूलकर उन्हें देने की बात मत कीजिए । ' आप यह नहीं कह सकते कि आप भुगतान नहीं करना चाहते हैं ,
' सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वह पहले ही क्यूरेटिव याचिका की मर्यादा पर बात कर चुकी है । कुछ छूट देने के बावजूद अदालत कानून से बंधी हुई है ।